भ्रमर कोई कुमुदनी पे मचल बैठा तो हंगामा ,
हमारे दिल में कोई ख़्वाब पल बैठा तो हंगामा |
अभी तक डूब के सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का ,
मैं किस्से को हक़ीकत में बदल बैठा तो हंगामा ||
-डॉक्टर कुमार विश्वास
Friday, June 1, 2007
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1 comment:
yahii toh hum bhi keh rahe hain...
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