कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ,
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है |
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है ,
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है ||
-डॉक्टर कुमार विश्वास
Friday, June 1, 2007
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2 comments:
samjhte ho yahii kaafi hai... :-)
Kya isse badiya bhi kuch ho sakta hai....nahi ati uttam :)
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